Ayodhya Issue

गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

मै नहीं जनता की विवाद की जड़ क्या है और क्या हुआ था पैर इस विवाद का जिक्र करने वालो के अंदर एक जहर भरा हुआ है, जो ये जानते हुए भी की इस का जिक्र जिस जिस के शामने होगा वो सभी इस जहर से प्रभवित होते जायेंगे,ये बात प्राक्रतिक है की जहर कोई नहीं पचाना चाहता , पर अगर इसके बदले कुछ मीठा मिल जाये तो सारा कुछ हज़म हो जायेगा, मेरे भाइयो समय बदल रहा है आपका घर ही आपका मंदिर मस्जिद है आप इसको चलाने के लिए मेहनत और ईमानदारी से इसका भरन पोसढ़ करिए जिससे एक नए समाज का विकास होगा जो चरित्रवान , मेहनती , इमानदार होगी .....हाँ एक और बात १०० आने सत्य है की आपके घर से बड़ा न कोई मंदिर है न कोई मस्जिद और आप इसके सबसे बड़े पुजारी इसमें न किसी हिन्दू का अधिकार है न मुस्लिम का केवल आपका है और दिखा दीजिये की आप कितने बड़े पुजारी है अगर आपके घर का एक भी सदस्य बेगार है या ईमानदारी का नहीं खाता तब तक आपकी पूजा अधूरी होगी ....कोई भी धर्म कमजोर नहीं हर एक धर्म किसी भी मानव समाज के लिए जिन्दगी जीने के सम्पूर्ण नियमो कर्मो का समावेश रखता है ,धर्मो की तुलना करने से अच्छा है की आप उनको केवल जानने और समझने की इच्छा रखो ...
और इस बात का हमेशा ख्याल रखना चाहिए की इन्शानियत से बड़ी चीज कुछ नहीं ...जय हिंद जय भारत (बालेन्द्र सिंह )